Fear Aur Dar Ko Kaise Jeetein – Tantrik Upay & Divya Sadhana - An Overview
इसे repeat करते हुए नया भाव जोड़ें – “मैं सुरक्षित हूं”
जैसे ही हमारे दिमाग से शरीर को संकेत मिलता है की कुछ खतरा हो सकता है तो शरीर अपनी अलग प्रतिक्रियाएं देता है.
अपने अंदर के डर को कैसे दूर भगाएं
उन्हें जीवन एक बहुत बड़ी चुनौती लगने लगता है. ऐसे लोगों को आज हम बताएँगे की उनके दिलो दिमाग में बसे इस डर को कैसे दूर करें या कैसे ख़त्म करें.
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यहां एक बात समझने लायक है कि डर का वास्तविकता से कोई संबंध नहीं है मगर खतरा, खतरे का होना वास्तविक है। उदाहरण के लिए यदि आप जंगल में फस जाते हैं वहां जंगली जानवर आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं यह बिल्कुल सत्य है लेकिन किसी जानवर ने अभी तक आपको नुकसान नहीं पहुंचाया यह भी सच्च हैं इसलिए अपने डर और खतरे में फर्क करना जरूर सीखें
डर को हराने की शक्ति: आत्म-प्रेरणा कैसे जगाएं?
यदि डर आपके जीवन पर हावी हो रहा है, तो एक काउन्सलर से मिलने का विचार करें। एक प्रशिक्षित विशेषज्ञ आपके डर के स्रोत का पता लगाने में मदद कर सकता है और उसका सामना करने के तरीकों को निर्धारित कर सकता है।
सही लोगों के साथ रहें – जो आपको प्रेरणा दें, डर नहीं।
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एक बात हम सब को समझनी होगी की इस दुनिया में ऐसी कोई दवा नहीं बनी है जिसे लेते ही आदमी का डर ख़त्म हो जाए और फिर कभी वो जिन्दगी में डरे ही ना.
अब जो आदमी सालों से अपने घर में दुबक कर बैठा है, जो कभी भी डर के पास ही website नहीं गया या जिसने कभी भी कोई ऐसा काम करने की हिम्मत ही नहीं जुटाई, वो कैसे निर्भीक रह सकता है?
“मैं फेल हो जाऊँगा” → “मैंने पहले भी सीखा है, इस बार भी कर लूंगा”
हर बार जब आप कोई छोटा कदम लेते हैं, डर थोड़ा कम हो जाता है।